भावनाओं को शब्द आकार देते हैं, जुबान कभी शब्दों को बयां नहीं कर पाती, उन पलों को सहेजना ही कविता हैं. अनकहें पलों और जज्बातों को उकेरना ही सुकून देता हैं. सच बोलने और सहने का साहस आज किसी में नहीं, बस इसीलिए जो महसूस करो, उसे उकेर दो कागज पर
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई. ढेर सारी शुभकामनायें.संजय कुमार हरियाणा http://sanjaybhaskar.blogspot.comcaryo
बहुत सुन्दर भावना से भरी पोस्ट.मेरे ब्लॉग कौशल पर भी आपका हार्दिक स्वागत है...
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2 टिप्पणियां:
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
caryo
बहुत सुन्दर भावना से भरी पोस्ट.मेरे ब्लॉग कौशल पर भी आपका हार्दिक स्वागत है...
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