बुधवार, 1 जून 2011

भुला सकोगे मुझे





बरसेगा नेह
जब
बदरा से
भुला सकोगे मुझे



चांदनी थिरकेगी
जब पूनम की रात
भुला सकोगे मुझे


दूर कहीं कोई चातक
करेगा पीहू पीहू
भुला सकोगे मुझे

लुभाएगा कोई मयूर
प्रेमिल नृत्य से प्रियतम को
भुला सकोगे मुझे




चला जाऊँगा दूर कहीं
किसी अनजानी राह पर
भुला सकोगे मुझे




















हौले हौले बरसता नेह तेरा

बरखा

की नन्ही बूंदों सा

हौले हौले

बरसता नेह तेरा


खो गया था

जो कहीं

फिर कभी

हौले हौले

याद आता

नेह तेरा

बरखा की नन्ही बूंदों सा

नेह तेरा









मंगलवार, 31 मई 2011

में तुम्हारी दोस्त हूँ ..




मैं

तुम्हारी दोस्त हूँ

वादा करो

इक दोस्त सा

ना कहोगे फिर कभी

सेज की जीनत बनो

मैं तूम्हारी दोस्त हूँ.....