बुधवार, 1 जून 2011

भुला सकोगे मुझे





बरसेगा नेह
जब
बदरा से
भुला सकोगे मुझे



चांदनी थिरकेगी
जब पूनम की रात
भुला सकोगे मुझे


दूर कहीं कोई चातक
करेगा पीहू पीहू
भुला सकोगे मुझे

लुभाएगा कोई मयूर
प्रेमिल नृत्य से प्रियतम को
भुला सकोगे मुझे




चला जाऊँगा दूर कहीं
किसी अनजानी राह पर
भुला सकोगे मुझे




















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