शनिवार, 13 मार्च 2010

छुपा लो नयनों में ... प्रीत मेरी

नयन आइना हैं
मेरी प्रीत का
छुपा लो कितना भी
लबों पर आती प्रीत मेरी
कर लो कैद कितनी भी
दिल में प्रीत मेरी
कह देंगे सब कुछ
तेरे नयना
प्रीत मेरी .