गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

फिर याद आ गया कोई

वासन्ती   बयार 

और याद आ  गया कोई

फिर से  मेरे ख्वाबो को 

जगा गया कोई 

फूलों की लकदक साख सी 

फिर वही मुस्कान 

याद दिला गया कोई 

टेसू से वसन्त में दहके नयनों की 

वही आग दहका गया कोई 

 

वसंतोत्सव 15.02.2013