शनिवार, 27 फ़रवरी 2010

अच्छा लगता हैं

सूरज उगता हैं
तेरा नाम लिए
मेरी सुबह होती हैं
तेरा नाम लिए
तू अपना हैं
या बेगाना
लेकिन अच्छा लगता हैं
पल दो पल तेरे संग
बिताना अच्छा लगता हैं
रोज तुझसे बहाने बनाकर
जाना अच्छा लगता हैं
बस इक झलक भी
तेरी पाना
अच्छा लगता हैं

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