शुक्रवार, 18 जुलाई 2008

..........बदरा बरसो जरा............


बदरा बरसो ज़रा....
धीमे धीमें
देख ना ले कोई
नयनों से बहता
नीर मेरा .
कोई ऊँगली
ना उठे
मेरी तरफ़
पोंछने को
नीर मेरा
बदरा बरसो जरा .....
लग ना जाए
फ़िर कोई
तोहमत
उस पर
के बहा नीर
देख उसे
बदरा बरसो ज़रा...

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