शनिवार, 6 फ़रवरी 2010

उड़ जाऊंगा... दूर कही

उड़ जाऊंगा
दूर कहीं
इस नीले नभ में
खो जाऊंगा
फिर कहीं
इस नीले नभ में
उब गया हूँ
ऐ जिन्दगी
अब तुझसे
खो जाना चाहता हूँ
इसी नभ में
इक पाखी सा

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