भावनाओं को शब्द आकार देते हैं, जुबान कभी शब्दों को बयां नहीं कर पाती, उन पलों को सहेजना ही कविता हैं. अनकहें पलों और जज्बातों को उकेरना ही सुकून देता हैं. सच बोलने और सहने का साहस आज किसी में नहीं, बस इसीलिए जो महसूस करो, उसे उकेर दो कागज पर
कभी कभी लगता हैं अलग अलग उम्र में एहसास भी ज़ुदा ज़ुदा होते होंगे लेकिन आपका ब्लाग देखकर लगता हैं एहसास उम्र के गुलाम नही होते है. एक ही एहसास को शिद्द्त से जींदगी भर जीया जा सकता हैं. सपनों की नदी पर हर रातबनता एक पुल मैं।
गुजरती तेरी यादों की रेल और महसूसता हर पल उसकी थरथराहट को
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कभी कभी लगता हैं अलग अलग उम्र में एहसास भी ज़ुदा ज़ुदा होते होंगे लेकिन आपका ब्लाग देखकर लगता हैं एहसास उम्र के गुलाम नही होते है. एक ही एहसास को शिद्द्त से जींदगी भर जीया जा सकता हैं.
सपनों की नदी पर
हर रातबनता
एक पुल मैं।
गुजरती
तेरी यादों की रेल
और महसूसता
हर पल
उसकी थरथराहट को
बेहद उम्दा
हिमांशु
himrekha.blogspot.com
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