मंगलवार, 29 जुलाई 2008

इंतज़ार....मिट जाने का...


दीपों सा
हमको जीना हैं
अपने आंसू ही
पीना हैं
औरों की खुशियों की खातिर
तिल-तिल जीना
और
मरना हैं.

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