मंगलवार, 15 जुलाई 2008

बेडियाँ.....तेरी खुशियों की


बेडियाँ
मेरे पग
तेरी
खुशियों की

तुझे भूलना

तो न चाहूँ ,
बस
इक दीप
रोशन रहे
तेरे नयन
मेरी प्रीत का

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