
तन्हाई
डराती नही
लुभाती हैं
मुझे
हर पल
हर लम्हा
तेरा एहसास
कराती हैं
सुदूर क्षितिज से
झांकता कोई
यह कह जाती हैं ...
तन्हाई हर पल
तेरी याद
दिलाती हैं
भावनाओं को शब्द आकार देते हैं, जुबान कभी शब्दों को बयां नहीं कर पाती, उन पलों को सहेजना ही कविता हैं. अनकहें पलों और जज्बातों को उकेरना ही सुकून देता हैं. सच बोलने और सहने का साहस आज किसी में नहीं, बस इसीलिए जो महसूस करो, उसे उकेर दो कागज पर