
हौले हौले
ऊँगली थाम
चलना सिखाया तुमने
जिन्दगी की पथरीली राहों पर
फिर चल दिए
छोड़कर मुझे तनहा
उन्ही पथरीली राहों में
भावनाओं को शब्द आकार देते हैं, जुबान कभी शब्दों को बयां नहीं कर पाती, उन पलों को सहेजना ही कविता हैं. अनकहें पलों और जज्बातों को उकेरना ही सुकून देता हैं. सच बोलने और सहने का साहस आज किसी में नहीं, बस इसीलिए जो महसूस करो, उसे उकेर दो कागज पर